आगर जिले के गांव में दलित परिवार के मृतक को श्मशान में जलाने से रोका, कहा की श्मशान में जलाने से फसल में आग लगने की है संभावना।

राजकुमार पत्रकार – आगर जिले की नलखेड़ा तहसील के ग्राम सिंघन खेड़ा में एक दलित परिवार के मृतक को गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा श्मशान में जलाने से रोके जाने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम सिंघन खेड़ा एक दलित परिवार में सुबह करीब 5:00 बजे एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसका अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन उसे शमशान लेकर पहुंचे। जहां पर गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा मृतक को श्मशान में जलाने से रोक दिया गया है। और कहा जा रहे हैं कि, अगर मृतक को यहां पर जलाओगे तो हमारी फसल में आग लगने की संभावना है। जिसका मुआवजा दिलाने की जवाबदारी कौन लेगा।

इसलिए मृतक को यहां पर नही जलाने दिया जाएगा। वह इस बात पर मृतक के परिजनों का कहना है कि अगर उन्हें मृतक को श्मशान में नहीं जलाने दिया जाएगा तो वह कहां पर जलाएंगे। क्योंकि इसके अलावा दूसरी भूमि उनके पास नहीं है। पहले वो किसी की निजी भूमी पर श्मशान बना कर मृतकों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। लेकिन इस बार उन्हें भूमि मालिक व आसपास के खेत वाले अन्य लोगों के द्वारा उन्हें मृतक को जलाने से रोक दिया गया। और कहां जा रहा है कि, भूमि पर उनकी गेहूं की फसल खड़ी हुई है जो पूरी तरह पककर सूख चुकी है। ऐसे में अगर यहां पर मृतक को जलाया जाएगा तो फसल में आग लगने की संभावना है। वही दलित परिवार के लोगों का कहना है कि उनके पास दूसरी कोई अन्य शासकीय भूमि नही है। वहीं भूमि की मांग को लेकर दलित परिवार के लोग रोड पर लकड़ियां व कंडे रखकर प्रदर्शन करने लगे और भूमि की मांग कर रहे हैं।

वहीं किस बात की सूचना मिलने पर राजस्व विभाग का अमला व पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची है। वही दलित परिवार द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि, गांव में शासकीय भूमि पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जिन से मुक्त करा कर शमशान की जगह दी जाए। जिस पर अधिकारियों ने कहा है कि 10 दिन के भीतर शासकीय भूमि पर श्मशान तैयार कर दिया जाएगा। और अभी की समस्या का कुछ दूसरा हल निकलकर निराकरण किया जाएगा।

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