विकलांगता का सर्टिफिकेट बनवाने के एवज में हड्डी रोग विशेषज्ञ ने रिश्वत की थी मांग, जबलपुर लोकायुक्त ने रु15 हजार की रिश्वत लेते किया ट्रैप

प्रवीण कुमार – जबलपुर लोकायुक्त की टीम की कार्यवाही से उस समय हड़कंप मच गया जब जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ की निजी क्लीनिक पर लोकायुक्त ने दबिश दी। जानकारी के मुताबिक 40 परसेंट विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चालीस हजार रुपए की मांग अमगंवा रीठी निवासी शंकरलाल कुशवाहा से की गई थी। लोकायुक्त जबलपुर टीम ने कटनी जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ पीडी सोनी( डॉ. पुरुषोत्तम दास सोनी पिता स्व: रामसिया सोनी ) को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों उनकी निजी क्लीनिक पर ट्रैप किया। जबलपुर लोकायुक्त की पूरी कार्यवाही विद्युत मंडल के रेस्ट हाउस शांति नगर में पूरी की गई लोकायुक्त जबलपुर के उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े ने बताया कि शंकर लाल कुशवाहा पिता तेजी लाल कुशवाहा निवासी ग्राम अमगंवा तहसील रीठी जिला कटनी ने शिकायत की थी कि अपना विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वह आये थे जिसके एवज में डॉ पी डी सोनी ने 40 हजार की रिश्वत मांगी जा रही थी। शिकायत सही पाए जाने पर मंगलवार को शंकर लाल कुशवाहा 40 हजार की पहली किस्त के 15 हजार रूपए लेकर डाक्टर के स्वयं के निवास में संचालित क्लीनिक डॉक्टर के पास पहुंचा, उन्हें 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए उसी दरमियान रंगे हाथ पकड़ा गया।

शिकायतकर्ता शंकर लाल कुशवाहा रीठी निवासी अपना विकलांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आये थे । जिसमें शंकर का विकलांग सर्टिफिकेट 20 परसेंट से 40 परसेंट बनाने के एवज में डॉ पी डी सोनी ने शंकर से 40 हजार की रिश्वत मांगी थी ।उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त दिलीप झरबड़े ने बताया कि आरोपी चिकित्सक हड्डी रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सा में पदस्थ डॉ.पी डी सोनी के विरुद्ध भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की गई है उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है। आगे कार्रवाई की जा रही है। करवाई के दौरान उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े लोकायुक्त , निरीक्षक कमल सिंह उईके, नरेश बेहरा एवं एवं ट्रैप दल के अन्य सदस्य शामिल रहे।

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