राज कुमार – आगर- मालवा। कृषि उपज मंडी में उपज लेकर आने वाले किसानो की उपज का सही तौल हो इसके लिए मंडी समिति द्वारा मंडी प्रांगण मे ही एक तौल कांटा स्थापित करवाया गया पर मंडी समिति के नियंत्रण व निगरानी वाले इसी तौल कांटे पर तमाम अधिकारी-कर्मचारियों की नाक के निचे किसानो को जमकर चपत लगाने का काम आरंभ हो गया था। पहले दिन ही संदेह निर्मित होने पर किसानो ने इसकी शिकायत मंडी समिति से की तो समिति ने तौल कार्य को प्रभाव से रोक दिया पर यहां एक बड़ी चूक सामने आई है। जो तौल कांटा मंडी प्रांगण में चल रहा था उस तौल कांटे का नापतौल विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन ही नही किया गया था फिर यह कांटा आरंभ कैसे हो गया समझ से परे। कृषि उपज मंडी प्रांगण में बीओटी के तहत् गौतम ट्रेडिंग कंपनी द्वारा 40 टन के इलेक्ट्रानिक तौल कांटे की मरम्मत व रखरखाव प्रक्रिया करने के उपरांत बुधवार को तौल कांटे की शुरूआत की गई। मंडी में अपनी उपज बेचने आए किसानो की उपज का यहां तौल किया गया जिस पर किसानों द्वारा संदेह जताया गया। कुछ किसानो ने अन्यत्र तोल करवाया तो मंडी के तौल कांटे व बाहरी तौल कांटे में काफी भिन्नता पाई गई जिस पर किसानो द्वारा मंडी सचिव से सम्पर्क कर उन्हे घटनाक्रम से अवगत कराया गया। मंडी सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल तौल कांटे पर कामकाज को रोकते हुए जिन किसानो की उपज तोली गई उनकी सूची तैयार कर दौबारा वजन करवाया गया। साथ ही निरीक्षक नापतौल विभाग को पत्र लिखकर भौतिक सत्यापन किए जाने की मांग की गई।संबंधित ने नही कराया भौतिक सत्यापन और किया कार्य आरंभ छोटे से लेकर बड़े तौल कांटे का जब तक नापतौल विभाग द्वारा भौतिक सत्यापन नही किया जाता है तब तक वह तौल कांटा पूर्ण रूप से वैधता की श्रेणी में नही आता है। यहां भी कुछ इसी तरह की स्थिति निर्मित हुई। संबंधित फर्म द्वारा मेंटेनेंस के उपरांत तौल कांटा आरंभ कर लिया लेकिन नापतौल विभाग से सत्यापन प्रमाण पत्र लेना उचित नही समझा। मंडी समिति के कर्मचारियो की भी यहां चूक दिखाई दी। मंडी प्रांगण में संचालित होने वाले इस तौल कांटे के वास्तविक दस्तावेज जांचे बिना ही उसे कार्य आरंभ करने की अनुमति दे दी गई। गनिमत रही कि किसानो द्वारा समय रहते शिकायत कर दी अन्यथा यहां कई किसानो को बड़ी चपत लग जाती।
किसानो द्वारा जताई गई नाराजगी – तौल कांटे की यह गड़बड़ी सामने आने पर किसानो द्वारा नाराजगी भी जाहिर की गई। किसान नेताओं द्वारा नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। किसान नेता डुंगरसिंह सिसोदिया ने बताया कि कृषि उपज मंडी तौल कांटे के संबंध में शिकायत मिलने पर हम कृषि उपज मंडी पहुंचे थे जहां प्रत्येक ट्राली पर 50 किलो से 2 क्विंटल वजन तक की भिन्नता मिल रही थी। हमारे द्वारा विरोध कर तौल कांटे को बंद करवाया गया है। किसी भी किसान के साथ अन्याय नही होने दिया जाएगा।
हरगोविंद सिंह सोनगरा, सचिव कृषि उपज मंडी आगर – हमारे द्वारा तौल कांटा बंद करवा कर निरीक्षक नापतौल विभाग की ओर पत्र भेजकर तौल कांटे की भौतिक सत्यापन की मांग की गई है भौतिक सत्यापन होने के उपरांत ही कार्य आरंभ होगा जिन किसानो की उपज का वजन कम आया था उनका दौबारा वजन कराया गया है।
दीपशिखा नागले, निरीक्षक नापतौल विभाग आगर- कृषि उपज मंडी प्रांगण में स्थित इलेक्ट्रानिक तौल कांटे के संचालक फर्म द्वारा कार्यालय में सम्पर्क किया गया था और एक पत्र दिया गया था जिसमें तौल कांटे की क्षमता बढ़ाने की बात कही गई थी लेकिन इसका भौतिक सत्यापन नही कराया गया भौतिक सत्यापन लंबित है भौतिक सत्यापन न होने की दशा में फिलहाल तौल कांटा अवैधानिक ही माना जाएगा।