आगर जिले के गांव में पुलिस प्रशासन ने रुकवाया बाल विवाह, पुलिस को गुमराह करने के लिए माँ ही बन गई थी दुल्हन।

रिजवान खान – सुसनेर समिपस्थ ग्राम मेहंदी में बाल विवाह की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उसे रोके जाने की कारवाई की है। जानकारी के मुताबिक 12 वर्षीय नाबालिग बेटी के पिता ने ही पुलिस को सूचना दी कि उसकी पत्नी, व मामा मिलकर के उसकी नाबालिग बेटी का विवाह करवा रहे है। जिसके बाद एसडीओपी पल्लवी शुक्ला, नायब तहसीलदार राजेश श्रीमाल, थाना प्रभारी विजय सागरिया व महिला बाल विकास की पर्यवेक्षक काजल गुनावदिया व राधा सिन्हा ने मौके पर पहुचकर परिजनों को बाल विवाह कानून की समझाइश देकर बच्ची का बाल विवाह रुकवाया गया है। उन्होंने लड़की के परिवार वालो को बताया है कि लड़की का विवाह 18 वर्ष और लड़के विवाह 21 वर्ष के बाद कराया जाना चाहिए। और विवाह के बाद होने वाली परेशानियों से भी लड़की के परिजनों को समझाया गया है। और बताया गया कि ऐसे नही करने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है। जिसके बाद लड़की के परिजनों इस शादी और रोक लगा दी है। पुलिस को गुमराह करने के लिये नाबालिग की माँ स्वयं दुल्हन बनकर बैठ गई थी जिसको पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया जहां पर समझाइश देकर छोड़ दिया गया।

एसडीओपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि – समाज की एकजुटता और सहयोग से ही इस कुप्रथा को रोका जा सकता है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का एक निर्मम उल्लंघन है। इससे बच्चों का शैक्षणिक, सामाजिक व आर्थिक विकास रुक जाता है। इसके अलावा इसके कई दुष्परिणाम है। बाल विवाह रुकेंगे तो समाज की तरक्की संभव है। महिला बाल विकास पर्यवेक्षक काजल गुनावदिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बीच चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर व 100 डायल पर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह से जुड़ी सूचना दे सकता है और बाल विवाह जैसा अपराध समाज में होने से रुकवा सकता है। खास बात ये रहेगी कि उस व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा।

Leave a Reply