Loksabha election 2024: देवास-शाजापुर लोकसभा क्षेत्र के ग्राम सुदवास में ग्रामीणों ने मतदान का किया बहिष्कार, दोपहर 12:00 बजे तक भी नहीं हुआ मतदान, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समझाने के बावजूद भी अपनी मांग पर डटे हुए हैं ग्रामीण

राज कुमार – आगर मालवा। Loksabha election 2024: आगर विधानसभा के बड़े जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम सुदवास में ग्रामीणों ने सड़क और पानी की समस्या को लेकर लोकसभा चुनाव में मतदान आविष्कार कर दिया है। यहां ग्रामीण अपनी समस्या का हल नहीं होने तक मतदान नहीं करने की बात कह चुके हैं। बहिष्कार का असर यहां के दो मतदान केंद्रों पर दिखाई भी दिया है, जहां मतदान केंद्र क्रमांक 125 पर मात्र एक वोट डला है और मतदान केंद्र क्रमांक 126 पर 4 वोट ही डले हैं।

प्रशासन लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर मतदान की अपील करते दिखाई दे रहे हैं। और उनके द्वारा समस्या का हल करवाने का आश्वासन भी ग्रामीणों को दे रहे है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हमारे द्वारा पिछली लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार किया था तब भी हमारी यह समस्या हल करने का आश्वासन प्रशासन के द्वारा दिया गया था लेकिन अब तक यह समस्या हल नहीं हुआ है, जिसके कारण हम ग्रामीणों के द्वारा इस बार मतदान का पूर्ण था बहिष्कार कर दिया गया है।

ग्रामीण ओमप्रकाश विश्वकर्मा ने बताया कि जब तक सड़क और पानी की समस्या हल नहीं हो जाती ग्रामीण आने वाले चुनाव का भी बहिष्कार करते रहेंगे।बता दें कि आगर विधान सभा 166 के अन्तर्गत आने वाले ग्राम सुदवास में करीब 2100 मतदाता है, जिसमें से करीब 05 वोट ही डले हैं, इसका मतलब यह साफ देखने को मिल रहा है की यहां पर मतदान का बहिष्कार अच्छा खासा हैं, ग्रामीणों द्वारा जमकर नारेबाज़ी करते हुए मतदान का बहिष्कार किया जा रहा है, ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे मतदान का बहिष्कार को लेकर भाजपा से जिलाध्यक्ष चिंतामन राठौर सहित काफी जनप्रतिनिधि गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर ही डटे हुए हैं और जब तक समस्या का निराकरण नहीं होता तब तक वह मतदान नहीं करेंगे। बता दें कि ग्रामीणों द्वारा 1.5 किलोमीटर सड़क और पानी की समस्या के लिए मतदान का बहिष्कार किया जा रहा है।

वही संपूर्ण मामले की जानकारी लगने पर प्रशासनिक अमला भी गांव में पहुंचा और ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पूरी करवाने के लिए डटे हुए हैं।वही संपूर्ण घटनाक्रम पर प्रशासन का कहना है कि उनके द्वारा रोड की स्वीकृत हेतु भोपाल पत्र भेजा लेकिन रोड की स्वीकृति नहीं हो पाई।