रिजवान खान – आज मंगलवार को पर ग्राम सिरपोई में परंपरा अनुसार इस वर्ष भी महाकाली मंदिर परिसर में चूल में धधकते के अंगारों पर चले ग्रामीण, बता दें कि ग्राम सिरपोई में होली के बाद प्रत्येक सप्तमी पर महाकाली मंदिर परिसर में धधकते अंगारों से भरी हुई चूल का आयोजन किया जाता है, चूल की साइज करीब 13 फीट लंबी और 02 फीट गहरी होती है। जिसमें लकड़ियां कंडे रखकर उसमें आग लगा दी जाती हैं। और दहकते अंगारों को तैयार किया जाता है। जिसमें पूर्व में मन्नत पूरी होने पर गांव सहित आसपास के क्षेत्र से सैकड़ों बच्चे, वृद्ध जन, महिलाएं चूल में धधकते अंगारों पर चले हैं। वहीं कुछ लोग अपनी मन्नत लिए चूल के धधकते अंगारों पर चलते हैं, और चूल से निकलने के उपरांत मां महाकाली के दर्शन करते हैं। यहां इस गांव में यह परंपरा कई वर्षों से आयोजित की जा रही है, जहां पर मां महाकाली के भक्त दहकते अंगारों से गुजरते हैं। चूल का आयोजन होली के सात दिन बाद सप्तमी के दिन दोपहर 1:00 बजे से शाम 04 बजे तक किया जाता है।
जिसमें गांव सहित आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में छोटे बच्चे से लेकर महिलाएं व पुरुष लोग मंदिर परिसर में पहुंचे। और चूल में निकलते हैं। वहीं इन धधकते अंगारों से निकलने वाले भक्तों ने बताया कि उन्हें ना ही किसी प्रकार की पैर में जलन और ना ही आग की तपन होती हैं। यह मां महाकाली का चमत्कार हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इन धधकते अंगारों से निकलने के उपरांत कई बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। आयोजन के उपरांत मंदिर समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसादी का वितरण भी किया गया। वहीं इस आयोजन को लेकर गांव के बुजुर्गों ने बताया कि, जो भी श्रद्धालु चूल में धधकते अंगारे से निकलते हैं। उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। जिसको लेकर प्रत्येक वर्ष यहां पर बड़ी संख्या में गांव सहित आसपास के क्षेत्र के लोग मंदिर पहुंचते हैं। और इस चूल के धधकते अंगारों पर चलते हैं। इस दौरान गांव में एक दिवसीय मेले का भी आयोजन किया गया।