rigging in traffic police: आगर यातायात पुलिस उड़ा रही नियमों की धज्जियां :- हेड कांस्टेबल बना रहे ₹500-500 के चालान, एएसआई रोकते हैं गाडियां, राजनीतिक दबाव में बंद हुआ चेकिंग पॉइंट तो शहर में होने लगा संचालित

राज कुमार – आगर मालवा। rigging in traffic police: इन दोनों यातायात पुलिस का दबाव काफी ज्यादा बढ़ गया है लेकिन है। इसके बावजूद आगर-मालवा जिले की यातायात पुलिस ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर कोई प्लान नहीं बन पा रही है। एक तो स्टाफ की कमी है और जो स्टाफ ट्रैफिक थाने के पास मौजूद है वह स्टाफ चालानी कार्यवाही में दिनभर लगा दिया जाता है। पूर्व में यातायात पुलिस द्वारा नेशनल हाईवे 552 जी पर आगर सुसनेर मार्ग के यहां स्थित निपानिया बैजनाथ के समीप चेकिंग पॉइंट बनाकर चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी, यहां पर यातायात पुलिस सुबह 8:00 बजे से पहुंच जाती और अलग-अलग शिफ्ट में यातायात पुलिस कर्मी चेकिंग पॉइंट लगाकर वाहन चेकिंग के नाम पर सुबह 08 बजे से लेकर शाम 07 बजे तक जमकर वसूली की जा रही थी। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते यह चेकिंग पॉइंट बंद हो गया लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद ही यातायात पुलिस द्वारा आगर उज्जैन मार्ग पर टोल टैक्स के यहां पर अपना अड्डा बना लिया और फिर से वही काम काज चालू कर दिया पहले तो यह काम काज शहर के बहार – बहार चल रहा था लेकिन अब यह शहर के मुख्य चौराह पर भी शुरू हो गया। और नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यातायात पुलिस द्वारा बीना सब इंस्पेक्टर या फिर बिना थाना प्रभारी के ही हेड कांस्टेबल चालान बना रहे हैं, हाल ही में आगर के बड़ोद चौराहे पर यातायात थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल द्वारा ही फोर व्हीलर वाहन का ₹500 का चालन बनाया गया जो कि नियम विरुद्ध है कोई भी हेड कांस्टेबल ₹100 से ज्यादा का चालन नहीं बना सकता लेकिन आगर में इसका विपरीत ही देखने को मिलता है यहां पर बिना सब इंस्पेक्टर बिना थाना प्रभारी के ही आरक्षक धड़ले से चालान बना रहे हैं।

“शहर की यातायात व्यवस्था है बदहाल” – जैसा कि हमने आपको बताया यातायात पुलिस का अमला सुबह से ही पैसे कमाने में लग जाता है। ऐसे में आगर जिले की यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां बडौद रोड़ चौराहा, छावनी चौराहा, सब्जी मंडी व सराफा बाजार में आए दिनों जाम जैसी स्थिति बनती रहती है लेकिन यहां भी जिन पुलिसकर्मियों की तैनाती है वह भी सिर्फ अपनी बाइक टिका कर उस पर बैठे रहते हैं और फोन चलाते रहते हैं। उन्हें भी यातायात व्यवस्था सुचारू करने से कोई मतलब नहीं है।

“एएसआई रोकते है गाडी, आरक्षक बनाते है चालान” – आपने सुना ही होगा कि जो व्यक्ति सीनियर होता है उसे बड़ा काम मिलता है लेकिन यातायात पुलिस में कोई छोटा-बड़ा नहीं है। यहां आरक्षक तो चालान बनाता है और एएसआई जो है वह गाडयां रोकता है।

“पहचान छिपाने के लिए नही लगाते है नेम प्लेट” – पुलिसकर्मियों की पहचान आसानी से हो सके इसके लिए जी उन्हें पीएचक्यू द्वारा नेम प्लेट दी जाती है लेकिन यह ट्रैफिक पुलिसकर्मी जो चेकिंग पॉइंट पर लगे होते हैं यह लोग द्वारा अपनी नेम प्लेट को निकाल कर जेब में रख लेते हैं। ताकि इनकी कोई पहचान उजागर नहीं हो सके और यह नियम के विरुद्ध है। ऐसे ही कई तरह के नियमों का उल्लंघन करते हुए दिखाई देते हैं। यह सार्वजनिक रूप से चेकिंग पॉइंट पर आम लोग के सामने धूम्रपान करते हैं।