स्वयं को ही गुम होने की रची थी साजिश, नदी किनारे फेंके थे स्वयं के बैग, कपड़े, जूते एवं मोबाइल, आगर पुलिस ने किया नाकाम प्लान, भोपाल से किया दस्तयाब

राज कुमार – आगर मालवा। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से एक अनोखा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति स्वयं को गुम होने की साजिश रचाता है। और अपने सामान जैसे कपड़े, जूते, बैग, मोबाइल फोन नदी किनारे इधर-उधर फेंक कर फरार हो जाता है। घर से व्यक्ति पीथमपुर, इंदौर में काम करने की बोल कर निकलता है, और रास्ते में नदी किनारे अपने सामान इधर-उधर फेंक कर स्वयं को ही गुम होने की साजिश रचाता है। लेकिन आगर पुलिस व्यक्ति की साजिश को नाकाम कर देती हैं और उसे भोपाल से ढूंढ निकालती हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं आगर मालवा के ग्राम देवली की जहां का निवासी जितेंद्र पिता सिद्धू लाल ने स्वयं को ही घूम हो जाने की साजिश रची और भोपाल पहुंच गया और वहां जाकर काम का शुरू कर दिया। यह युवक 26 जून की रात में घर से यह कहकर निकला था कि वह पीथमपुर, इंदौर में काम करने के लिए जा रहा है। लेकिन सुबह 27 जून को युवक के कपड़े मोबाइल फोन आदि देवली सोयत रोड पर रास्ते में नदी के पास अलग-अलग जगह बिखरे हुए मिले थे। जब परिजनों द्वारा जितेंद्र से संपर्क करने का प्रयास किया तो जितेंद्र से किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। युवक के इस तरह नदी किनारे बिखरे हुए सामान मिलने से सनसनी फैल गई थी। जो एक चर्चा का विषय बन गया था। हर आम इंसान जितेंद्र के गुम होने के संबंध में कई प्रकार के विचार कर रहे थे। जिसके बाद जितेंद्र के पिता सोयत थाने में पहुंचे और जितेंद्र के गुम होने की सूचना पुलिस को दी की जितेंद्र 26 जून को रात 11:00 बजे पीतमपुर इंदौर काम करने जाने की बोल कर निकला था। लेकिन 27 जून को सुबह जितेन के कपड़े भी मोबाइल फोन आदि देवली सोयत रोड पर रास्ते में नदी के पास अलग-अलग जगह बिखरे पड़े मिले थे। जितेंद्र से संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन किसी प्रकार से कोई संपर्क नहीं हो पाया। जिस पर सोयत थाना पुलिस ने सिद्धू लाल मालवीय की सूचना पर गुमशुदगी दर्ज की थी।

सोयत थाना पुलिस ने जितेन्द्र मालवीय के गुम होने की सूचना मिलने पर सूचना को गंभीरता से लिया और तत्काल घटना स्थल पर डॉग स्कवायड़, एफएसएल टीम एवं सायबर एक्पर्टस को भेज दिया गया। तथा थाना प्रभारी निरीक्षर लक्ष्मण सिंह देवड़ा एवं पुलिस टीम को आस पास नदी, नाले, कुंए, खेत, जंगल आदि की संघनता से जांच करने हेतु निर्देशित किया गया था। प्रारम्भ में गुम इंसान जितेन्द्र के सम्बंध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई थी। एवं जितेन्द्र के परिवारजन तथा अन्य रिश्तेदारों के बयानो में भी कोई खास विशेष जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी थी। पुलिस द्वारा गुम इंसान की तलाश के सम्बंध में हर बारिक पहलु पर लगातार जांच की जा रही थी। जिसके बाद दिनांक 21 जुलाई को थाना प्रभारी द्वारा वरिष्ट अधिकारी पुलिस अधीक्षक संतोष कोरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवल सिंह सिसोदिया, एसडीओपी पल्लवी शुक्ला से मार्गदर्शन प्राप्त कर एक टीम जितेन्द्र मालवीय की तलाश में भोपाल भेजी गई। जितेन्द्र की तलाश के दौरान मुखबीर द्वारा सूचना दी गई की जितेन्द्र भोपाल में ही एक मोबाईल रिपेयरींग ट्रेनिंग सेन्टर पर काम सीख रहा है। जहां से पुलिस को जितेंद्र को ढूंढने में सफलता प्राप्त हो गई। जिसके बाद पुलिस द्वारा जितेन्द्र को पुलिस अभिरक्षा में भोपाल से सोयत थाना लाया गया। जहां पर पुलिस ने जितेंद्र से पुछताज की तो गुमइंसान जितेन्द्र ने बताया कि उसने इंजनिरयींग की पढ़ाई की हैं तथा वो बेहतर जीवन जीने एवं काम धंधे / रोजगार की तलाश में बाहर जाना चाहता था। परंतु उसके परिवारजन उसे काम करने के लिए बाहर जाने नहीं दे रहे थे जिस कारण उसने घर पर बिना बताये बाहर जाने का फैसला लिया था। तथा घर से जाते वक्त जान बुझकर अपने सामान इधर उधर लावारिस हालात में फेक दिये थे। फिर वह सोयत के माचलपुर चौराहे पर से बस के द्वारा झालावाड़ पहुंचा झालावाड़ से वह कोटा पहुंचा फिर वहां से वह भोपाल पहुंचा।

जितेन्द्र ने बताया की इस बीच उसके साथ कोई घटना दुर्घटना नहीं हुई है। तथा इस बीच वह भोपाल में कमरा किराए से लेकर मोबाईल रिपेयरींग का काम सीख रह रहा था। गुमइंसान जितेन्द्र को दस्तयाब कर उसे उसके पिता सिदुलाल मालवीय के सुपुर्द कर उनके हमराह रवाना किया गया।

गुम इंसान जितेंद्र को दस्तयाब करने में उक्त सराहनीय कार्य थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण सिंह देवड़ा, सायबर प्रभारी उनि जितेंद्र सिंह चौहान,प्रदीप पानेरी, होकम दांगी, शैलेंद्र सिंह (साइबर सेल) का योगदान रहा।

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