क्रेसर संचालकों की मनमर्जी एव प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की वजह से दिन दहाड़े हो रहा अवैध ब्लास्टिंग क्रेसर किनारे बसे गांवों में मंडरा रहा जल संकट।

दीपक कुमार गर्ग – शहडोल जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र अंतर्गत दरौड़ी में गुप्ता स्टोन एव अमझोर आर्य कंस्ट्रक्शन के नाम पर संचालित स्टोन क्रेसर जबकि खदान में बोर्ड रजनी तिवारी के नाम से लगा हुआ है संशय की स्थिति यह है कि आखिर वह क्रेसर किस नाम से संचालित हो रहा है। संचालकों की मनमानी से क्रेसर किनारे बसे गांवों में जल संकट मंडराने लगा है, क्योंकि इन क्रेसर संचालकों द्वारा बिना वैध अनुमति के लगातार डायनामाइट लगा कर पत्थरों का उत्खनन किया जा रहा है। जिससे भूजल के साथ साथ क्रेसर किनारे बने घरों पर भी अब खतरा मंडरा रहा है। वही कृषि योग्य भूमि भी बंजर होती जा रही है क्योंकि क्रेसर संचालकों द्वारा पर्यावरण विभाग के नियमो के विरुद्ध क्रेसर संचालन की अनुमति मिली हुई है।

अगर नहीं होती तो इनके द्वारा क्रेशर का संचालन नियम विरुद्ध कैसे हो जाता जबकि नियमो के मुताबिक क्रेसर के आस पास वृक्षा रोपण करवाना एवं क्रेसर के चारो तरफ 08 फिट ऊंची बाउंड्री वॉल का निर्माण होना आवश्यक है जिससे लोगों के साथ जीव-जंतुओं की सुरक्षा हो सके क्रेसर से उड़ने वाली धूल को रोका जा सके लेकिन जिले के जयसिंहनगर तहसील में संचालित अधिकांश क्रेसर संचालक बिना किसी मापदंड के ही मनमानी पूर्ण तरीके से क्रेसर संचालित किए हुए है अब देखना होगा की क्रेसर संचालकों की मनमानी पर रोक लगता है। या फिर कोई ठोस कार्यवाही होती है किंतु खनिज विभाग के आला अधिकारी की उदासीनता इस कदर बड़ी हुई है कि खबर एवं शिकायत के उपरांत भी कार्यवाही करने में आनाकानी की जाती है जिससे संदेहास्पद स्थितियां उत्पन्न होती नजर आ रही है। तभी तो आधे से ज्यादा क्रेशर बिना नियम के ही संचालित हो रहे हैं क्योंकि इसका स्पष्ट उदाहरण दरौडी में संचालित केसरवानी स्टोन क्रेशर जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही खनिज विभाग द्वारा नहीं की गई।

पुष्पेंद्र त्रिपाठी खनिज विभाग शहडोल – का कहना है की दिखवा देंगे बढ़िया है यार आप लोग घूमते रहो और हमें जानकारी देते रहो हम दिखवाते रहेंगे यार इतने मुद्दों को छोड़कर कहां ब्लास्टिंग में घुस रहे हो 4-6 क्रेशर चल रहे हैं। उनको भी बंद करवा दें हम भी फुर्सत हो जाएं।

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