Illegal mining: प्रतिबंध के बावजूद भी हो रहा था नलकूप खनन, सूचना मिलने पर पहुंचे नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी तो तहसीलदार ने बीना कोई कार्रवाई के ही बोरवेल मशीन को छोड़ दिया

राज कुमार – आगर मालवा। Illegal mining: जिले भर में प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले के साथ अवैध तौर पर नलकूप खनन किया जा रहा है। पीएचई विभाग के प्रतिवेदन के आधार पर आगर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बिना अनुमति के नलकूप खनन पर रोक लगा दिया था। लेकिन इसके बाद भी जिले भर में धड़ले से नलकूप खनन किया जा रहा है, क्योंकि अधिकारी आदेश तो निकाल देते हैं लेकिन उस पर कड़ाई से पालन नहीं करा पाते, जिसके कारण बोरिंग मशीन संचालक पुलिस और विभागीय जिम्मेदारों से साठगांठ कर नलकूप खनन करने में जुटे हुए हैं यह बेवकूफ होकर कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रतिबंध के बावजूद भी नलकूप खनन कर रहे है।

ग्रामीण क्षेत्रों में है जलसंकट : Illegal mining: जिले भर के दो सैकड़ा से अधिक ग्राम पंचायतों में पानी की भारी किल्लत है। भूजल स्तर नीचे खिसक गया है। इन सबके बाद भी बोरिंग मशीन संचालक गांव गांव घूमकर मनमानी दरों में निजी बोर कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला आगर विधानसभा अंतर्गत आने वाले गांव फतेहगढ़ में देखने को मिला है, जहां पर निजी बोरिंग संचालक कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ते हुए नलकूप खनन कर रहा था। जिसकी सूचना अधिकारियों को मिली तो आगर एसडीएम सर्वेश यादव ने नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी घटनास्थल पहुंचाया, अरुण चंद्रवंशी इंटरनेशनल पहुंचे जहां पर उन्होंने देखा कि अवैध तौर पर नलकूप खनन किया जा रहा था, तो नायब तहसीलदार मशीन पर कार्रवाई करने लगे और उन्होंने मीडिया फोन पर से कहा कि वह बोरवेल मशीन व मशीन के साथ लगे लोगों को लेकर पीपलोंन कला पुलिस चौकी पर ले जा रहे हैं, जब पीपलोंन कला पुलिस चौकी पर इसके बारे में पता किया गया तो वहां से जानकारी लगी कि पुलिस चौकी पर कोई बोरिंग मशीन को नहीं लाया गया है।

जब मशीन के बारे में पुनः नायब तहसीलदार अरुण चंद्रवंशी से पता करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया और कोई जवाब नहीं दिया। जब मामले की जानकारी ली गई तो पता चला कि अरुण चंद्रवंशी द्वारा बोरवेल मशीन पर बिना कोई कार्रवाई की ही उसे छोड़ दिया गया। जब इस विषय में आगर एसडीएम सर्वेश यादव से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्होंने नायाब तहसीलदार को कार्रवाई हेतु भेजा था। वे बि एक दूसरे पर पल्लू झड़ते हुए नजर आए।

जब इस संपूर्ण घटनाक्रम में आगर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह से चर्चा की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी नहीं है वह जांच करवा कर कार्रवाई करेंगे।