दीपक कुमार गर्ग – मामला है उत्तर वन मंडल जयसिंहनगर का जहा विगत कई माह से अनवरत राजस्व एवम वन परिक्षेत्र से बेस कीमती साल की लकड़ी की तस्करी का था। जहा पर मीडिया कर्मियों द्वारा समय समय पर हो रही बेशकीमती साल की लकड़ी की तस्करी की खबरों को प्रमुखता से उठाया जा रहा था। लेकिन जिम्मेदारों के मिलीभगत एवं उदासीन रवैया के कारण वनोपज तस्करों को खुला संरक्षण मिलता रहा लेकिन वन विभाग के अधिकारियो की पोल तब खुल गई। जब थाना जयसिंहनगर में पदस्थ थाना प्रभारी विनय सिंह गहरवार ने अपने पुष्ट मुखबिरो के सूचना पर साल की लकड़ी से लदी एक ट्रक को बिना वैध दस्तावेज के परिवहन करते हुए जप्त किया गया। लेकिन उक्त जप्त ट्रक एवम उक्त तस्करी में संलिप्त तस्करो से वन विभाग के आला अधिकारियों ने पुंछ तांछ करना भी जरूरी नही समझा जिससे साफ जाहिर होता है। की उक्त तस्करी में वन विभाग के अधिकारियो ने भी अपनी महती भूमिका निभाई थी तभी तो इतनी बड़ी तस्करी के विरुद्ध कार्यवाही करने के बजाय वन विभाग के अधिकारियो ने चुप्पी साध लेना उचित समझा क्युकी अभी हाल ही में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी को वनोपज जांच चौकी पर अवैध वसूली एवम कार्य के समय शराब के नसे में होकर आने जाने वाले वाहनों एवम कर्मचारियों से अभद्रता से बात करते हुए पाए जाने पर उक्त कर्मचारी को अन्यत्र पदस्थ करने का आवेदन पत्र दिया था लेकिन वन विभाग के जिम्मेदारों ने उक्त प्रतिवेदन पर कार्यवाही करना तो दूर गौर फरमाना भी मुनासिब नहीं समझा।