इन्दौर में हुए बावड़ी हादसे जैसी बावड़ी आगर के गोपाल मंदिर के पास भी है स्थित, लोगों ने बावड़ी बंद करवाने की प्रशासन से की है मांग।

राजकुमार पत्रकार – आगर मालवा। शहर में स्थित अति प्राचीन कुंए और बावड़ियां आम लोगों के लिए खतरा बनती जा रही हे , इंदौर में बावड़ी धसने के हादसे के बाद अब रहवासी डरे हुए, आम लोग अब बावड़ियों के जीर्णोद्धार व बंद करने की मांग कर रहे हे। बता दें कि इंदौर शहर में बावड़ी धसने से हुए हादसे के बाद अब लोगों के मन में डर बन गया है। आगर शहर में भी ऐसी कई बावड़ियां और कुंए है जो अब लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। विगत दिनों इंदौर शहर में हुए बावड़ी हादसे जेसी ही एक बावड़ी आगर शहर के बीचोबीच स्थित गोपाल मंदिर के समीप है। यह बावड़ी सैकड़ों वर्ष पुरानी है जो करीब 150 फीट कुएं जेसी गहरी हैं। जिस पर 40 वर्ष पहले मंदिर समिति द्वारा बावड़ी के अंदर बिना मुरम डाले ही इसके उपर गाडर फर्शी की छत बनाई गई थी। जिसके उपर आज हनुमान मंदिर का परिसर है। जहां पर अनेक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं, जिसको लेकर मंदिर में काफी भीड़ भी रहती हैं।

आपको बता दें कि बावड़ी के अंदर बिना भराव डाले ही बावड़ी के ऊपर बनाई गई गाडर फर्शी की छत अब इन्दौर में हुए बावड़ी हादसे जैसा ही खतरा बनती जा रही हैं। लोगों को डर है कि कहीं यहां पर भी कोई हादसा घटित नहीं हो जाए। अब रहवासी मांग कर रहे हैं कि, इस बावड़ी को मुरम डालकर बंद कर दिया जाए, जिससे कि यहां पर एक बड़ा हादसा घटित होने से टल जाए।

ऐसी ही स्थिति नाना बाजार में भी बनी हुई हे। बिना जाली की एक अति प्राचीन भूल भुलैया जैसी बावड़ी है। जो काफी बड़े हिस्से में फैली हुई हैं, जिसके दीवार के समीप कई मकान बने हुए हैं। बता दें की बावड़ी अति प्राचीन है जो अब जर्जर अवस्था में आ चुकी है। अगर इस बावड़ी की दीवार धसी तो, बावड़ी की दीवार के समीप बने मकानों के भी धसने की संभावना है। जो एक बड़ा हादसा घटित हो सकता है। बावड़ी के समीप स्थित एक दीवार में दरार भी हो चुकी हैं जो एक आने वाले खतरे का संदेश दे रही हैं। जिले मे यह अनुपयोगी बावड़ियां अब आम नागरिकों के लिए खतरा बनती जा रही हैं। जिससे रहवासी काफी डरे हुए हैं और इनके जीर्णोद्धार और इन्हें बंद करने की मांग कर रहे हैं।

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