राज कुमार – आगर मालवा। Jyotiraditya Scindia reached the temple: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरूवार को इंदौर से सड़क मार्ग द्वारा आगर मालवा जिले के नलखेड़ा स्थित विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी मंदिर पहुंचे। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री का पुष्पहार से स्वागत किया।मंदिर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने मां बगलामुखी मंदिर के गर्भगृह में बैठकर विधि विधान और मंत्रोचार के साथ माता के दर्शन-पूजन किए व सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद केंद्रीय मंत्री मंदिर के पास स्थित सांदीपनि आश्रम पहुंचे।
जहां उन्होंने स्वामी सांदीपेंद्र से आर्शीवाद प्राप्त कर चर्चा की। साथ ही मंदिर में विशेष हवन-अनुष्ठान भी किया। हवन पश्चात भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री व अन्य अतिथियों का स्वागत कर भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहली बार नगर आगमन पर लोगों के द्वारा जगह-जगह स्वागत द्वार बनाकर स्वागत किया गया व उनके साथ लोगों के द्वारा सेल्फी ली।
चुनाव परिणाम से पहले मां के दरबार – केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह पर गुना से अपना भाग्य अजमाया हैं वही चार जून को चुनाव के नतीजे आने वाले हैं इसके पहले केंद्रीय मंत्री ने उज्जैन मे भगवान बाबा महाकाल और नलखेड़ा विश्व प्रसिद्ध माता बगलामुखी के दरबार में पहुंचे हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके द्वारा यहां पर अनुष्ठान भी कराए गए हैं।
चमत्कारी मंदिर है माता बगलामुखी का – नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखी का मंदिर भी काफी चमत्कारी है। यहां पर चुनाव लड़ने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी हवन पूजा करवाई थी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आगर जिले में लगभग 02 घंटे से ज्यादा का वक्त नलखेड़ा मां बगलामुखी मंदिर पर रहे।
तीन स्थानों पर है मां बगलामुखी – मां बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों में सबसे खास है। भारत में मां बगलामुखी के तीन ही प्रमुख ऐतिहासिक मंदिर माने गए हैं, जो क्रमश: दतिया (मप्र), कांगड़ा (हिमाचल) एवं नलखेड़ा जिला आगर मालवा (मप्र) में हैं। तीनों का अपना अलग-अलग महत्व है। मप्र में तीन मुखों वाली त्रिशक्ति माता बगलामुखी का एकमात्र यह मंदिर आगर जिले की तहसील नलखेड़ा में लखुंदर नदी के किनारे स्थित है, इस दौरान केंद्रीय मंत्री करीब 02 घंटे से अधिक समय बगलामुखी मंदिर में रुके। इस दौरान उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। उनके पहुंचने पर प्रशासन सतर्क रहा।