निकुंज माहेश्वरी– आगर जिले के नलखेड़ा अवैध खनन का कारोबार खूब फलफूल रहा है। नदियों को छलनी कर डाला है और सरकारी जमीनों में भी खुदाई की जा रही है। जिस पर प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा। दरअसल नगर के आसपास में खनन माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन में लगे हैं। शासन-प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। नगर की लखुंदर व आसपास क्षेत्रों के खाल व नदी पर यह अवैध उत्खनन सतत रूप से जारी है। अवैध खनन करने वाले बिना किसी डर के कारोबार चला रहे हैं। आस-पास की कई जगह यह खनन जारी है। खनन से नदी में जगह-जगह बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं। खास बात यह है कि अवैध खनन करने वाले प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर जगह-जगह खुदाई कर रहे। रेत का स्टॉक अलग-अलग जगह लगाकर ले जा रहे हैं। स्टॉक को ऊंची दरों में बेच रहे हैं लेकिन शासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। नगर में बिना किसी डर के खनन कर लाई रेत के ट्रैक्टर निकल रहे हैं लेकिन न पुलिस को ये नजर आते न ही प्रशासनिक अधिकारियों को। वही इन दिनों मुरम के अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य जोरों पर चल रहा है। मुरम माफिया नियम-कानून को दरकिनार कर रात-दिन सरकारी जमीन को खोद रहे हैं। बड़े-बड़े गड्ढ़े कर दिये दिए हैं, जो कि बारिश में हादसे का कारण बनेंगे।दरअसल लंबे समय से अवैध उत्खनन के लिए क्षेत्र की बडली में अब भी प्रशासन की नजर नहीं पहुंच पा रही है।
प्रशासन की निष्क्रियता का खुलकर लाभ उठाकर माफिया जेसीबी से खनन कर रहे हैं। इससे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। क्षेत्र की क्षेत्रों में मुरम का भंडार है। जहां से खनन माफिया इन दिनों मनमाने तरीके से मुरम का उत्खनन कर क्षेत्र की जमीनों को खराब कर न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि रोजाना शासन को मिलने वाला लाखों रुपए के राजस्व की हानि भी कर रहे हैं। यदि प्रशासन कड़ा रुख अपनाकर मुरम के लिए नीति-नियम बना दें तो लाखों रुपए का राजस्व सरकारी खजाने में जमा हो सकता है।
जब इस बारे में नलखेड़ा तहसीदार पारस वैश्य से दूरभाष पर बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि, आपके माध्यम से मामला मेरे संज्ञान में आया है, जल्द ही जांच करवा कर उक्त अवैध खनन कारोबारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।